मोदी की कविता मुझे किसी को मापना नहीं है मुझे किसी को मापना नहीं है मुझे अपनी श्रेष्ठता सिद्ध नहीं करनी है। मुझे तो नीर-क्षीर के विवेक को ही पाना है। मेरी समर्पण-यात्रा के लिए यह सब जरूरी है। इसीलिए इस शक्ति के उपासना का केंद्र स्व का सुख नहीं बनाना है। मां.. तू ही मुझे शक्ति दे- जिससे मैं किसी के भी साथ अन्याय न कर बैठूं, परंतु मुझे अन्याय सहन करने की शक्ति प्रदान कर। (साक्षी भाव से) नरेंद्र मोदी