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एनआईटी श्रीनगर  का स्याह सच  


भारत माता की जय.. पर टकराव 


एनआईटी श्रीनगर में जो कुछ हुआ .. उसने वहां ही नहीं पूरे कश्मीर की पोल खोल कर रख दी है.. अब समझ में आ गया.. कि क्यों मुट्ठी भर लोग कश्मीर में पाकिस्तानी झंडे लहाराने की दुस्साहस करते हैं.. जब सईंया भये कोतवाल तो डर काहे का..  एनआईटी श्रीनगर में पुलिस की पिटाई के बाद जिस तरह से केंद्र और राज्य सरकार हरकत में आई हैं..
वो काबिले तारीफ है..इसी हरकत की वजह से ये स्याह सच सामने आ सका है.. दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए और उन छात्रों के साथ पूरा न्याय होना चाहिए जो चंद गद्दारों के बीच में रहकक भी देश की आवाज को बुलंद करते हे.. और भारत माता की जय के नारे लगाते रहे..
कहां गए.. जएनएयू में आजादी के नारे लगानेवाले लोग..? क्यों नहीं उन्होंने एनआईटी श्रीनगर के लिए आवाज बुलंद की..? क्यों नहीं वो उन छात्रों के साथ आज खड़े हैं.. जिन्होंने कश्मीर में हिदुस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए..
कांग्रेस की वो सियासत इस बार नजर नहीं आई.. रोहित वेमुला की सुसाइड और कन्हैया की गिरफ्तारी पर घड़ियाली आंसू बहाने वाले राहुल गांधी इस बार एनआईटी श्रीनगर नहीं गए.. क्यों ?
कहां गए लाल सलाम के साथ खड़े होने वाले वो वामपंथी.. ? क्यों नहीं अरविंद केजरीवाल ने उन छात्रों से जाकर मुलाकात की? ना नीतीश.. ना लालू.. ना अखिलेश ..इस बार हर कोई चुप है.. क्योंकि वोट पर चोट होने का डर है.. एक खास समुदाय की नाराजगी का खतरा है.



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आलम ये है कि देशभक्ति और राष्ट्रवाद की इस लड़ाई को कुछ कश्मीरी और गैरकश्मीरी की लड़ाई बनाने में जुटे हैं.. शर्म आनी चाहिए.. उन्हें जो देश की आन-बान और शान के खिलाफ रचे जा रहे साजिश का पर्दाफाश करने से डरते हैं.. जो हिंदुस्तान में रहतक हिंद को कमजोर करने में जुटे हैं..

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