नहीं सुधरेगा पाकिस्तान
अलगाववादियों से फिर करेगा बात
पाकिस्तान ने एक बार फिर भारत से टकराव का रास्ता खोल दिया है.. पाकिस्तान एक बार फिर कश्मीरी अलगाववादियों से बात करेगा... कल यानि 23 मार्च को हुर्रियत कॉन्फ्रेंस समेत कश्मीर के सभी सेपरेटिस्ट लीडर्स को दिल्ली में पाकिस्तान हाईकमीशन आने का न्योता दिया गया है.. इस खास दावत प्रोग्राम में शिरकत करने के लिए कश्मीर के कई अलगाववादी नेता दिल्ली पहुंच गये हैं..
भारत के विरोध के बावजुद पाकिस्तान ये कदम उठा रहा है और इसमें उसे कुछ गलत नहीं नजर आ रहा है.. एक ओर वो अलगाववादियों से बात कर रहा है वहीं दूसरी ओर वो भारत के साथ दोस्ती की बात कर रहा है.. दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग अबदुल बासित कहते हैं कि ये पहली दफा नहीं हो रही है, बहुत पहले से होता आया है, कई सालों से हो रहा है, कोई नया इशू नहीं है, पहले भारत सरकार ने एतराज नहीं किया, चल रही है चलने दीजिए...कश्मीरी स्टेकहोल्डर हैं, और बहुत ईशूज हैं उनको हल कीजिए प्रधानमंत्री मोदी चाहतेहैं कि आगे बढ़े तो हम तो इसी कंस्ट्रक्टिव...के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं हम कोई ऐसी बात नहीं करना चाहते जिससे मसाइल बढ़ें..हमारी तरफ से ऐसी कोई बात नजर नहीं आएगी कि हम तल्खियां चाहते हैं ....यही पीएम नवाज शरीफ का भी मानना है और कहना है
आपको बता दें कि पिछले साल अगस्त में भी भारत पाकिस्तान के विदेश सचिवों की बातचीत से ठीक पहले पाकिस्तान ने सेपेरेटिस्ट लीडर्स से इसी तरह बात की थी...और नतीजा ये हुआ कि दोनों देशों के बीच आठ महीने तक बातचीत बंद रही...पाकिस्तान दोबारा वही हरकत दोहरा रहा है... लंबे समय के बाद तीन मार्च को दोनों देशों के बीच विदेश सचिव स्तर की बातचीत हुई थी.. लेकिन पाकिस्तान एक बार फिर अलगाववादियों से बात करने जा रहा है.. तेईस मार्च को पाकिस्तान के हाई कमिश्नर अब्दुल बासित हुर्रियत कॉन्फ्रेन्स के चीफ मीरवाइज उमर फारुख से मुलाकात करने वाले हैं.. मीरवाइज और सैयद अली शाह गिलानी के अलावा सेपरेटिस्ट नेता शब्बीर शाह, नईम खान, जावेद मीर, मन्नान बुखारी भी अब्दुल बाशित से मिलेंगे .... थर्ड फ्रंट लीडर और फॉर्मर पार्लियामेंट मेंबर राशिद काबुली को भी पाकिस्तान हाईकमिश्नर ने दावत पर बुलाया है.. तेईस मार्च को पाकिस्तान में पाकिस्तान डे सेलिब्रेट किया जाता है...पाकिस्तान इस मौके का इस्तेमाल....सेपरेटिस्ट्स को प्लेटफॉर्म देने के लिए कर रहा है.. पाकिस्तान की कोशिश है इस तरह कारनामों से दुनिया की नजरें कश्मीरी मूल समस्या से हटी रहे और पाकिस्तान कश्मीर को लेकर प्रोपेगेंडा करता रहे..
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