फसल को नुकसान
कैसे जिएगा किसान ?
बेमौसम बरसता ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी है.. कई राज्यों में हजारों हेक्टेयर फसलें बर्बाद हो गई हैं.. इस महीने हुई बारिश ने ना केवल सौ साल का रिकॉर्ड तोड़ा बल्कि इसने किसानों की उम्मीदें भी तोड़ दी.. कुछ दिन पहले जिन खेतों में फसलें लहलहा रही थी.. आज उन्हीं खेतों में फसलें बर्बाद हो रही हैं.. भारी बारिश के साथ चली तेज हवाओं ने खेतों में खड़ी सभी फसलों को तबाह कर दिया है..
बारिश का सबसे ज्यादा असर 6 राज्यों हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात में हुआ है.. हरियाणा में बारिश ने 38 साल का रिकॉर्ड तोड़ा है.. यहां 16 सौ करोड़ रुपये की नुकासान की आशंका है.. खेतों में लगी गेहूं, सरसों और जौ की फसलों को बड़ा नुकसान पहुंचा हैं.. यही हाल पंजाब का भी है.. यहां 3 हजार करोड़ का नुकसान तो केवल गेहूं में हुआ है.. जबकि 50 फिसदी आलू का उत्पादन भी प्रभावित हुआ है.. राजस्थान में भी बारिश ने भारी तबाही मचाई है.. गेहूं, चना, सरसों और जौ की फसलों को नुकसान पहुंचा हैं.. मध्य प्रदेश में भी ओला वृष्टी के कारण फसलों को नुकसान पहुंचा है..
इस साल अनाज का उत्पादन 5 फिसदी तक घट सकता है.. 2013-14 में 26.56 करोड़ टन कृषि का उत्पादन हुआ.. जबकि अब ये महज 25.21 करोड़ टन रहने का अनुमान है.. गेहूं का भी यही हाल है पिछले साल गेहूं का उत्पादन 9.58 करोड़ टन था.. बारिश का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस साल केवल 11 मार्च तक ही औसत से 237 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है.. करीब 1015 पीसदी अधिक बारिश दिल्ली, चंडीगढ़ और हरियाणा के किसानों को झेलनी पड़ी है .. जबकि पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में औसत से 640 फीसदी अधिक बारिश हुई है..
कहा जा सकता है कि बेमौसम बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है.. अब बस उन्हें इंतजार है तो मुआवजे की .. देखना होगा कि सरकार किस तरह से किसानों को मुआवजा देती है..
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