पेरिस हमलों से कैसे निपटेंगे ?
पेरिस बम धमाकों से थर्रा उठा है.. इस हमले डेढ़ सौ से ज्यादा लोगों की जानें गई हैं.. इन हमलों ने एक बार फिर से दुनिया के सामने ISIS जैसे आतंकी संगठनों का डर दिखाया है.. बीते सालों में फ्रांस में आतंकी हमलों में बढ़ोतरी हुई है.. इस साल ही अबतक 8 आतंकी वारदातों को अंजाम दिया गया है.. शायद ही कोई महीना ऐसा गुजरा है जब फ्रांस के सरजमीं पर आतंक का दहशत ना दिखा हो.. दरअसल इराक और सीरिया में लड़ रही आतंकी संगठन isis में बड़ी संख्या में यूरोपियन देशों के लोग शामिल हैं.. इनमें से सबसे बड़ी संख्या में फ्रांस के ही रहने वाले लोग हैं.. एक रिपोर्ट के मुताबिक अकेले फ्रांस से ही सात सौ लोगों ने ISIS ज्वाइन किया है.. शायद यही वजह है कि फ्रांस ने ही सबसे ज्यादा is के हमलों को भी झेला है फ्रांस के हमले की पूरी दुनिया में निंदा हो रही है . भारत.. अमेरिका.. ब्रिटेन और रूस समेत दुनिया के तमाम देशों के राष्ट्राध्यक्षों ने पेरिस हमलों की कड़े शब्दों में निंदा की है.. और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जताई है.. इन आतंकी हमलों के बाद दुनिया के तमाम देश एक बार फिर से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट खड़े दिख रहे हैं..
ब्रिटेन दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा..
पेरिस से जो खबर आई है वो काफी दुख देनेवाला और भयानक है। मारे गए लोगों के परिवार के लिए प्रार्थना करता हूं। हम लोग संकट की इस घड़ी में फ्रांस के लोगों के साथ खड़े हैं
अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने पेरिस हमले को मानवता पर हमला बताया है..ओबामा ने कहा
एक बार फिर हमने देखा कि लोगों को निशाना बनाने का घृणित काम किया गया है...ये सिर्फ ना केवल पेरिस पर हमला हुआ...ना केवल फ्रांस के लोगों पर हुआ है...बल्कि पूरी मानवता के खिलाफ हुआ है
आतंकी हमलों के बाद पेरिस में चप्पे-चप्पे पर पुलिस और एंटी टेरर फोर्स के जवान तैनात कर दिए गए हैं.. लेकिन खतरा अभी टला नहीं है.. एक ओर कतरा जहां फ्रांस के बाहर से है वहीं दूसरी ओर खतरा फ्रांस के अंदर से भी है.. फ्रांस के सात सौ से ज्यादा लोगों का is में शामिल होना इस बात की तस्दीक करता है कि फ्रांस में बड़े संख्या में is समर्थक मौजूद हैं.. ऐसे में ओलांद सरकार को हर कदम फूंक फूंकर कर उठाना होगा ..
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