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फ़रवरी, 2015 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं
 एन श्रीनिवासन क्या देंगे जवाब ? बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष और तमिलनाडु क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष एन श्रीनिवासन आज सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखेंगे.. सुप्रीम कोर्ट ने उनसे आज जवाब मांगा है.. दरअसल एन श्रीनिवासन ने 8 फरवरी को बीसीसीआई की वर्किंग कमेटी की बैठक की अध्यक्षता की थी.. कोर्ट इस मसले पर श्रीनिवासन से नाराज है.. सुप्रीम कोर्ट ने श्रीनिवासन से पूछा है कि जब उन्हें चुनाव लड़ने का अधिकार नहीं तो वो बैठक की अध्यक्षता कैसे कर सकते हैं ? श्रीनिवासन को कोर्ट के आदेशों की भावनाओं को समझना चाहिए..  खेल के लिए उन्होंने कुछ भी किया हो, लेकिन कोर्ट के आदेश में उनकी भूमिका अस्थिर है.. दअरसल क्रिकेट ऐसासिएशन ऑफ बिहार ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में अवमानना की याचिका दाखिल की थी.. श्रीनिवास पर आरोप लगाया था कि बैठक की अध्यक्षता कर उन्होंने अदालत की अवमानना की है..
 कैसे बचेंगे सलमान खान ? सलमान खान पर कुल चार मामले चल रहे हैं। दो मामलों में फैसला सुनाया जा चुका है। एक मामले में सलामन को 1 साल की सजा हुई जबकि दूसरे मामले में सीजीएम कोर्ट ने 5 साल की सजा सुनाई है। सलमान खान पर पहला केस भवाद में हिरण का शिकार मामले का है। सलमान पुलिस और न्यायिक हिरासत में 18 दिन जोधपुर जेल में बिता चुके हैं। सलमान को वन विभाग ने 12 अक्टूबर 1998 को हिरासत में लिया था। 17 अक्टूबर 1998 तक सलमान जेल में रहे। घोड़ा फार्म मामले में 10 अप्रैल 2006 को 5 साल की सजा हुई इस मामले में सलमान 6 दिन जेल में रहे। सेशन कोर्ट ने सजा की पुष्टि की तब 26 से 31 अगस्त 2007 तक जेल में रहे। 27 सितंबर 1998 की रात जोधपुर से सटे भवाद गांव में हिरण के शिकार का आरोप है।17 फरवरी 2006 को सीजीएम कोर्ट ने 1 साल की सजा सुनाई थी । फिलहाल मामला हाईकोर्ट में लंबित है । सलमान खान पर दूसरा केस घोड़ा फार्म में हिरण के शिकार    का है । सलमान पर 28 सितंबर 1998 की रात घोड़ा फार्म के पास दो हिरणों के शिकार का आरोप है । इस मामले में 10 अप्रैल 2006 को सीजीएम कोर्ट ने 5 साल की सजा सुनाई । लेकिन राजस्
सलमान पर आर्म्स एक्ट का मुकदमा    सलमान खान पर आर्म्स एक्ट के उल्लंघन का है आरोप....सलमान पर दो ब्लैकबक्स के शिकार करने का आरोप है....सलमान पर बिना लाइसेंस के हथियार रखने का आरोप है.... और इन सारे आरोपों की दलील पर आज राजस्थान के जोधपुर की कोर्ट में सलमान ख़ान की पेशी है....इन मामलों पर आज फैसला आना है.. 16 साल पहले 1998 के इस मामले में सलमान समेत 16 गवाहों के बयान दर्ज किये गये हैं.. क्या है ये मामला ? 1998 में फिल्म हम साथ-साथ है की शूटिंग के दौरान सलमान के खिलाफ जोधपुर के लूणी थाने में आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दायर किया गया था.. आरोप था कि सलमान खान ने 1-2 अक्टूबर की रात कांकाणी इलाके में काले हिरणों का शिकार किया था.. बाद में जब मामले की जांच की गई तो पता चला कि शिकार के लिए .32 बोर के रिवॉल्वर और .22 बोर के राइफल का प्रयोग किया गया था.. साथ ही दोनों हथियारों के लाइसेंस की समय सीमा खत्म हो चुकी थी ..यानि हथियारों का लाइसेंस रिन्यू नहीं किया गया था.. इस कारण सलमान पर आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दायर किया गया था..  सलमान खान के खिलाफ आर्म्स एक्ट की धारा 3/25 और 27 के तहत मा
किसानों की ज़मीन कहीं बीजेपी की जमीन ना खिस्का दे भूमि अधिग्रहण बिल को लेकर टीएमसी सांसदों मे संसद शुरू होने से ठीक पहले जबर्दस्त विरोध किया.. टीएमसी सांसद संसद की सीढ़ियों के पास खड़े हो गये और सरकार विरोधी नारे लगाने लगे..उन्क हाथों में बिल के विरोध को लेकर तख्तियां थीं और सभी सांसदों ने किसानों के प्रतिक के रूप में हरे रंग का कपड़ा पहन रखा था. अध्यादेश पर क्यों है तकरार   यूपीए का कानून---          निजी प्रोजेक्ट के लिए 80% जबकि पीपीपी के लिए 70% लोगों की सहमति जरूरी एनडीए का अध्यादेश--          रक्षा उत्पादन, ग्रामीण इन्फ्रा, औद्योगिक कॉरिडोर के लिए किसी की सहमति जरूरी नहीं यूपीए का कानून---          सोशल इंपैक्ट देखना जरूरी एनडीए का अध्यादेश--          सोशल इंपैक्ट का प्रावधान नहीं हैं यूपीए का कानून---          खेती की जमीन लेने पर रोक एनडीए का अध्यादेश--          खेतीहर जमीन भी ले सकेंगे यूपीए का कानून---          किसान को अधिग्रहाण के किलाफ कोर्ट जाने का हक एनडीए का अध्यादेश--          कोर्ट जाने का हक नहीं, किसान को नोटिस अमान्य यूपीए का कानून---        
जासूसी के जाल में कौन-कौन ? मंत्रालय में जासूसी कांड के लिए आज का दिन बेहद खास है.. आज भी कई लोगों पर इस मामले की गाज गिर सकती है.. पुलिस जांच में कई हैरान करने वाले खुलासे हुए हैं.. पुलिस के हाथ कई ऐसे अहम दस्तावेज लगे हैं..जो पीएमओ पहुंचने से पहले ही जासूस के हाथ में पहुंच गए..कई दस्तावेदज संसद में पहुंचने से पहले ही लीक हो गये हैं..    क्राइम ब्रांच की टीम ने आज रिलांयस,  केयर्न्स इंडिया, एस्सार, एडीएजी और जुबिलेंट एनर्जी के पांच सीनियर अधिकारियों को पूछताछ के लिए बुलाया है.. इससे पहले इन कंपनियों के पांच मिड लेवल अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया था.. गिरफ्तारी के बाद इन अधिकारियों ने पूछताछ में पुलिस को ये बताया था कि वो जासूसों से ली गई जानकारी को अपने सीनियर अधिकारी को देते थे.. मामले में गिरफ्तार दो कंसल्टेंट और पांच कंपनियों के मिड लेवल अधिकारियों के बयान के बाद पुलिस ने कई ठिकानों पर छापे मारे हैं.. इन छापों में पुलिस को 3500 सरकारी डॉक्यूमेंट्स हाथ लगे हैं.. जिनमें से कई कागजात राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हैं. पुलिस इन सीनियर अधिकारियों से इस बारे में सवाल कर सकती है.
पेट्रोगेट कांड का कैसे हुआ खुलासा ? पेट्रोलियम मंत्रालय में हुई जासूसी सिंडिकेट की ये चंद तस्वीरें हैं..  ये वो तस्वीरें हैं जिसने शास्त्री भवन में जासूसी की घटना को अंजाम दिया है.. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इस मामले में अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया है.. कई चेहरों का पर्दाफाश हुआ है.. और कई चेहरे अब भी शक के दायरे में हैं..यानि जल्द ही पुलिस कुछ और चेहरों को बेनकाब कर सकती है..इन चेहरों में कॉरपोरेट अधिकारी से लेकर पत्रकार और मंत्रालय के कई चेहरे शामिल हैं.. दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच इस मामले को सुलझाने में जुटी है.. .. हर दिन नए खुलासे और नई गिरफ्तारियां हो रही हैं..मंत्रालयों में हो रही जासूसी की घटना से सुरक्षा एजेंसियों के साथ हर कोई हैरान है.. मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव में भी भ्रष्टाचार से दूर रहने का ऐलान किया था.. सरकार की इसी सजगता का नतीजा है कि सरकार ने मंत्रालयों में हो रही जासूसी का पर्दाफाश किया.. सरकार ने साफ कर दिया है कि इस मामले में किसी को बख्शा नहीं जाएगा.. और दोषियों को सख्त सजा मिलेगी हम आपको बता दें कि जासूसी के इस राज से पर्दा एक दिन में नहीं उ
8 हजार की तनख्वाह पाने वाले को मिला 1.5 लाख का तनख्वाह -- पेट्रोगेट कांड कब सुलझेगा ?-- पेट्रोलियम मंत्रालय में जासूसी की खबरों ने कईयों को हैरान किया है.. जासूस जिस तरह से इन कामों को अंजाम दे रहे थे.. उसके पीछे एक बड़े सिंडिकेट का खुलासा हुआ है.. जिसमें कई कंपनियों के बड़े अधिकारी शामिल हैं.. मामला धीरे-धीरे हाई प्रोफाइल और बंहद संगीन बनता दिख रहा है.. पुलिस की मानें तो ये मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा दिख रहा है.. शनिवार को पुलिस ने कोर्ट में बड़ा खुलासा किया है.. पुलिस ने अदालत में ये बताया है कि पकड़े गये 5 कंपनियों के 5 बड़े अधिकारियों के पास से कई अहम दस्तावेज मिले हैं.. और ये दस्तावेज राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े हैं.. ज़ब्त किए गये दस्तावेजों के आधार पर पुलिस इन लोगों के खिलाफ गोपनीयता कानून के तहत मुकदमा चलाना चाहती है.. जासूसी मामले में पकड़े गये 5 अधिकारियों में से एक जुबिलेंट एनर्जी के सीनियर एक्जीक्यूटिव सुभाष चंद्रा भी है.. सुभाष चंद्रा  2011 तक पेट्रोलियम मंत्रालय में टाइपिस्ट का काम करता था.लेकिन चंद्रा ने 2011 में नौकरी छोड़ दी.. और अगले साल जुबिलेंट एनर्जी म