नवाज शरीफ की मुश्किल
पठानकोट एयरबेस पर हमले के फौरन बाद भारत सरकार ने कड़ा रूख अख्तियार किया था.. हमले के पीछे पाकिस्तान में डेरा जमाए आतंकियों का नाम आते ही खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ से बात की और कड़ी कार्रवाई करने को कहा.. नवाज शरीफ ने भी पीएम मोदी को इस पर कार्रवाई का भरोसा दिया था.. लेकिन ऑपरेशन खत्म होने के पांच दिन बाद भी इस मामले पर कुछ भी ऐसा नहीं हो सका है जिससे पाकिस्तान के वादे पर भरोसा हो सके..
पाकिस्तान ने हमले के जांच के आदेश तो दे दिए हैं.. लेकिन अब तक नतीजा कुछ भी नहीं निकला है.. दरअसल नवाज शरीफ दोहरी मुश्किल में हैं.. और इस बात को समझने के लिए पाकिस्तान के हालात और हमले के बाद वहां बने प्रेशर को समझना होगा.. नवाज शरीफ पाकिस्तान के पंजाब प्रांत से आते हैं.. और इस इलाके में ही उनकी सबसे ज्यादा पकड़ है.. लेकिन दिक्कत ये है कि जैश और लश्कर जैसे आतंकी संगठनों का भी इसी इलाके में सबसे अधिक प्रभाव है..
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के लिए एक बड़ी मुश्किल ये है कि नवजा की पार्टी पीएमएल-एन का बड़ा आधार पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में हैं.. इसी इलाके में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहमम्द जैसे आतंकी संगठनों का भी सबसे ज्यादा पकड़ है.. ऐसे में नवाज के लिए दिक्कत ये है कि आतंकियों पर कार्रवाई करने से ये संगठन नाराज हो सकते हैं.. जिसका खामियाजा चुनावों में उन्हें भुगतना पड़ सकता है
पंजाब प्रांत के पाकिस्तान के राजनीतिक हलके में भी जबर्सदस्त प्रभाव है.. नेशनल असेंबली के कुल 342 सीटों में से 183 सीटें पंजाब प्रांत से ही है.. ये आंकड़ा आधे से भी ज्यादा सीटों का है.. 183 सीटों में से 163 सीटों पर नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन का कब्जा है.. नेशनल असेंबली में नवाज शरीफ के पास कुल 188 सीट है.. यानी पंजाब प्रांत के 163 सीटों को छोड़ दें तो बाकि देश से उनके पास महज 25 सीटें ही उनके खाते में है.. ऐसे में नवाज शरीफ किसी तरह का रिस्क नहीं लेना चाहेंगे.. एक तरफ जहां उनहें अतंरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छवी बचाने की मुश्कल है तो दूसरी ओर देश में आधार बचाने की भी जद्दोजहद करनी पड़ रही है..
अमेरिकी डिप्लोमेट की एक रिपोर्ट से भी ये पता चला है कि पंजाब में बीते कुछ सालों में आतंकी गतिविधियों में इजाफा हुआ है.. रिपोर्ट के मुताबिक "पाकिस्तान के दक्षिण और पश्चिम पंजाब .. जो किसी समय में दक्षिण एशिया में सूफी समुदाय का गढ़ और आध्यात्मिक केंद्र था .. उदार परंपरा के लिए जाना जाने वाला ये इलाका आतंकियों के लिए सबसे माकूल जगह बन गई है" एक ओर भारत के खिलाफ ज़हर उगलने वाले आतंकियों के आधार पंजाब प्रांत में है तो दूसरी ओर आर्मी हेडक्वार्टर भी पंजाब प्रांत में ही है.. आर्मी और ISI के कई अधिकारी लंबे समय से इन आतंकियों की मदद करते रहे हैं और भारत के खिलाफ नफरत की बीज बोते रहे हैं.. ऐसे में नवाज शरीफ के सामने मुश्किल मुंह बाए खड़ी है.. यही वजह है कि हमले के पांच दिन बीत जाने के बाद भी आतंकी खुला हवा मे घुम रहे हैं और पाकिस्तान की सरकार और सबूतों का इंतजार कर रही है..
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