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बेटियों को पढ़ाने से ज्यादा बचाने पर जोर हो पढ़लिखकर वो पत्रकार बनना चाहती थी.. ताकि समाज के दबे कुचलों की आवाज़ बुलंद कर सके.. बड़ी होकर वो वकील बनना चाहती थी.. ताकि उन मुल्जिमों की आवाज़ बने.. जिन्हें अनसुना कर दिया जाता है.. जिनकी आवाज न्याय के दरवाजे तक आते-आते दम तोड़ देती है.. उस भीड़ में से कोई डॉक्टर.. तो कोई ईजीनियर तो कोई प्रशासनिक अधिकारी.. बनना चाहती थी.. उसी भीड़ में से किसी ने नेता बनने का भी ख्वाब पाल रखा था.. लेकिन ये सपने पूरे हो पाते.. उसके पहले ही टूट गए.. उन्हें ऐसी अंधे कुएं में धकेल दिया गया.. जहां से निकलना ना केवल मुश्किल था.. बल्कि नामुमकिन के करीब भी था.. एक ऐसे रास्ते पर उन्हें चलने को मजबूर कर दिया गया.. जहां बंद गलियों के अलावा कुछ ना था.. जहां आना तो आसान था.. लेकिन वहां से निकलना उतना ही मुश्किल जितना बंजर जमीन पर फसल का लहलहाना.. कभी बहलाकर.. कभी फुसलाकर.. तो कभी लालच देकर.. उन्हें वेश्यावृति के उस रास्ते पर छोड़ दिया गया.. जहां शरीर को बेचकर पेट पालना काम था.. कभी प्यार का झांसा देकर.. तो कभी शादी के नाम पर उन्हें ऐसे जगह ले आया गया.. जिसका रा
 ब्रेड मत खाओ.. कैंसर हो जाएंगे ! अगर आप सुबह-सुबह नाश्ते में या फिर किसी और समय ब्रेड खाने के शौकीन हैं तो सावधान हो जाइए.. जिस ब्रेड को आप जीने के लिए खआ रहे हैं वही आपकी जिंदगी के लिए जानलेवा साबित हो सकता है.. ब्रेड खाने से आप कैंसर के शिकार हो सकते हैं... CSE की रिपोर्ट से जो खुलासे हुए हैं वो बेहद हैरान करने वाले हैं.. CSE की एक रिसर्च में इस बात का पता चला है कि ब्रेड में खतरनाक रसायन हैं.. CSE ने कई बड़े और ब्रैंडेड कंपनियों के बेकरी उत्पाद पर रिसर्च किया.. इस रिसर्च में सीएसई को जो केमिकल मिला है उनमें से एक है पोटैशियम ब्रोमाइड.. हवा के साथ गर्मी ज्यादा होने पर पोटैशियम ब्रोमाइड क्रिया करता है.. यूं तो इस केमिकल का इस्तेमाल आटे को ठीक से गूंथने और उसे बेकिंग के समय ज्यादा फूलने के लिए मिलाया जाता है.. इस केमिकल को सही आंच और सही समय तक पकाया जाता है तब ये खाद्य उत्पाद से पूरी तरह से खत्म हो जाता है.. लेकिन अगर कोई सामान जल्दी-जल्दी में कम पकाया गया तो उसमें केमिकल के छूटने का भी खतरा रहता है.. ऐसे में पोटैशियम ब्रोमाइड केमिकल का खाद्य पदार्थ के साथ शरीर में जाने का खतरा बन
क्या 'कांग्रेस मुक्त' हो जाएगा भारत ? क्या कांग्रेस मुक्त भारत का जो सपना मोदी एंड कपंनी ने देखा था.. वो सच हो रहा है ? पांच राज्यों मे हुए विधानसभा नतीजों को देखकर कुछ ऐसा ही लगता है.. पूर्वोत्तर से लेकर दक्षिण भारत तक कांग्रेस और उसके सहयोगियों की हालत पतली नजर आ रही है.. असम में जहां पंद्रह साल तरूण गोगोई को बुरी तरह से मुंह की खानी पड़ी है.. वहीं केरल में ओमन चांडी की सरकार को भी करारा झटका लगा है.. रही सही कसर पश्चिम बंगाल और तमलनाडु के नतीजों ने पूरी कर दी है.. तमाम कोशिशों और गठबंधन के बाद भी इन दोनों राज्यों में भी कांग्रेस बुरी तरह पिछड़ी है.. कांग्रेस के लिए संतोष की बात बस इतना है कि वो पश्चिम बंगाल में लेफ्ट पार्टियों को पक्षाड़ कर दूसरी बड़ी पार्टी बन गई है.. आने वाले चुनावों में इन नतीजों के मायने क्या होंगे ये तो वक्त बताएगा.. लेकिन इतना तय है.. कि अगर कांग्रेस अब नहीं संभली तो बीजेपी का कांग्रेस मुक्त भारत का सपना सच हो जाएगा.. देशभर के उन्नतीस राज्यों में से पहले ही ग्यारह राज्यों में बीजेपी या फिर गठबंधन की सरकार है.. अब इस लिस्ट में असम का भी नाम जुड
सीवान.. शहाबुद्दीन और समानांतर सरकार जब सत्ता अपराधियों के समर्थन में खड़ी हो जाए.. जब हुकूमत चलाने वाले लोग हुक्म की तामील में लग जाए.. जब हनक इतनी बढ़ जाए कि प्रशासन घुटने टेक दे और सेवा सत्कार में जुट जाए.. जब माफिया माननीय बन जाए.. जब गुंडा नेता बन जाए.. जब कानून तोड़ने वाले ही कानून बनाने लगे.. तो क्या होगा..  जब कानून व्यवस्था को ताक पर रखकर गुंडों को संरक्षण मिल जाए.. जब अपराधियों के आगे सरकार नतमस्तक हो जाए.. जब पुलिस के सामने ही मनमानी होने लगे.. जब गुंडों के दम पर सत्ता के शिखर पर पहुंचने का रास्ता तय होने लगे.. तब क्या होगा.. बिहार के मौजूदा हालात को देखें तो यही हाल नजर आते हैं.. जेल में बैठा एक शख्स.. जिस पर हत्या और अपहरण के दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं.. जो जेल से ही समानांतर सरकार चलाता हो.. जिसकी मर्जी के बिना इलाके में पत्ता तक ना हिलता हो.. जिसके खौफ से गवाह अदालत में गीता की कसम खाकर झूठ बोल दे.. जो राज्य की सबसे बड़े पार्टी का सिपहसलार हो.. जिसे आरजेडी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जगह मिली हो.. ऐसे शख्स के रौब को समझा जा सकता है.. आरजेडी के पूर्व सांसद शहा
मॉडल से तस्कर तक का सफर ... वो पेशे से एक मॉडल थी.. बाद में वो एक एयरहोस्टेस भी बन गई.. लेकिन जल्दी ही वो इन रास्तों को छोड़कर एक ऐसे रास्ते पर चल पड़ी.. जहां पैसा तो खूब था.. चमक-दमक भी था.. लेकिन बदनामी भी थी.. वक्त के साथ-साथ उसका पेशा बदलता रहा और साथ ही बदलता रहा उसका किरदार.. लंबे समय से चित्तूर पुलिस संगीता चटर्जी के पीछे पड़ी थी.. उसे पकड़ने की कई बार कोशिश की गई.. हर बार पुलिस को नाकामी हाथ लगती.. लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ.. पुलिस पहले से ज्यादा मुस्तैद और तैयार थी.. संगीता के बारे में सारी जानकारियां जुटाकर कोलकाता के एक अपार्टमेंट पर छापा मारा गया.. और संगीता को गिरफ्तार कर लिया गया .. लेकिन पुलिस संगीता चटर्जी से उसके जुर्म के काले दुनिया का राज उगलवा पाती.. स्मगलिंग की दुनिया के उसके साथियों का पता लगा पाती.. और ये जान पाती कि इस काले काम में उसके मददगार कौन हैं.. उसे कोलकाता के एक कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई..  संगीता को पकड़ने के लिए खास तौर से पुलिस की इन्वेस्टिगेटिव टीम चित्तूर से कोलकाता आई थी.. संगीता को गिरफ्तार करने के बाद चित्तूर पुलिस ने उसे कोलकाता के एक अद
दर्द वही.. पर दूरियों ने दबा दी चीख वो वकील बनना चाहती थी.. पर उसके ख्वाब पूरे नहीं हो सके वो अपने पैरों पर खड़ा होना चाहती थी.. लेकिन ये सपना भी पूरी तरह से पूरा नहीं हो पाया वो भरतनाट्यम में बहुत अच्छी थी ... वो आसपास के बच्चों को नृत्य सिखाती थी.. मलयालम फ़िल्मों में काम कर रही थी.. वो दलित थी.. समाज में ऊंचा मकाम पाना चाहती थी.. लेकिन इसी समाज ने उसे कहीं का नहीं छोड़ा.. जिंदगी की जद्दोजहद में लगी वो एक दिन दुनिया छोड़ने पर मजबूर हो गई.. सारे सपने.. सारी इच्छाए.. सारे अरमान... धरे के धरे रह गए.. और प्राण पखेरू निकल गए..  उस पर से दिल्ली से हजारों किलोमीटर की दूरी ने उसकी उस आखिरी चीख को भी अनसुना कर दिया.. जो उसकी जिंदगी के सबसे भयंकर तकलीफ में निकले थे.. जब जीते जी.. उसकी आवाज किसी ने नहीं सुनी.. तो मरने के बाद कौन सुनता.. वो अपनी मां की लाडली थी.. घर की सबसे छोटी थी.. बड़ी तंगहाली में जीकर 29 सावन पार की थी.. लेकिन तीस की उमर छू पाती उसके पहले ही वो हमेशा हमेशा के लिए दुनिया छोड़ चली गई.. दिल्ली से हजारों किलोमीटर दूर.. केरल के पेरंबवूर में 'जीशा' अपनी मां और
प्रधानमंत्री की डिग्री फर्जी है.. प्रधानमंत्री ने फर्जी डिग्री पेश की.. प्रधानमंत्री मोदी ने गलत डिग्री दिखाई.. ये ऐसे बयान हैं.. जिस पर बीते कुछ दिनों से दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने तूफान मचा रखा है.. दिल्ली की बागडोर थामते-थामते निशाना देश की सबसे बड़ी कुर्सी पर लगा रहे हैं.. फर्जी डिग्री का भी आरोप तब लगा रहे हैं जब उनके अपने ही एक विधायक फर्जी डिग्री के फेर में जेल में बंद हैं.. ये आरोप तब लग रहा है जब करीब एक साल पहले ही उनके ही कानून मंत्री पर फर्जी डिग्री खरीदने, बनवाने और इस्तेमाल करने के ना केवल आरोप लहे.. बल्कि करीब-करीब ये तय भी हो गया.. फर्जी डिग्री का फांस क्या होता है ये भला उस मंत्री और केजरीवाल से ज्यादा कौन जानता है.. यही वजह है कि मामले का खुलासा होने के बाद से जितेंद्र तोमर जेल में हैं.. अगर पीएम मोदी की डिग्री फर्जी है.. तो फिर केजरीवाल ने मुकदमा क्यों नहीं दर्ज कराया.. अगर डिग्री झूठी है तो अबतक शिकायत क्यों नहीं की..अग डिग्री गलत है तो केजरीवाल किस बात का इंतजार कर रहे हैं.. मोदी की डिग्री का झूठा दुष्प्रचार करके केजरीवाल खुद बिलो द बेल्ट की राजनीति कर रहे ह
बाहुबली का बेटा.. छात्र का हत्यारा क्या यही सुशासन है   आदित्य राज बाप बाहुबली, मां विधान पार्षद और बेटा सनकी... इस सनकी नेता के पुत्र का शिकार हो गया का एक छात्र... आदित्य राज रॉकी नाम के बिगड़ैल नेता पुत्र ने एक छात्र को सिर्फ इसलिए गोली मार दी क्योंकि उसकी कार ने रॉकी की कार को ओवरटेक किया था... गया में जो कुछ हुआ वो ना कवेल सरकार.. समाज बल्कि मगध की धरती को कलंकित कर गया.. ये तय हो गया कि सत्ता का समाज से कोई सरोकार नहीं.. और आम जनता से तो बिल्कुल नहीं.. इस घटना ने ये भी बता दिया कि सनक की हनक कैसी होती है.. तभी तो बेटा रिवॉल्वर लेकर घ ुमता है.. और कानून की परवाह किए बगैर एक छात्र को गोली मार देता है.. कहां गए लालू और नीतीश जिन्होंने अपना राजनीतिक करियर एक छात्र के तौर पर ही शुरू की थी.. रॉकी, बिंदी यादव का बेटा बदमाशों के बीच बिंदी यादव का बड़ा नाम है.. इससे @ Nitish Kumar और Lalu Prasad Yadav दोनों परिचित हैं.. फिर भी गुंडागर्दी का लाइसेंस दे रखा है.. क्या यही सरकार है.. क्या यही न्याय व्यवस्था है.. और क्या यही सुशासन है.. ‪#‎ Gaya‬ ‪#
एनआईटी श्रीनगर  का स्याह सच   भारत माता की जय.. पर टकराव  एनआईटी श्रीनगर में जो कुछ हुआ .. उसने वहां ही नहीं पूरे कश्मीर की पोल खोल कर रख दी है.. अब समझ में आ गया.. कि क्यों मुट्ठी भर लोग कश्मीर में पाकिस्तानी झंडे लहाराने की दुस्साहस करते हैं.. जब सईंया भये कोतवाल तो डर काहे का..  एनआईटी श्रीनगर में पुलिस की पिटाई के बाद जिस तरह से केंद्र और राज्य सरकार हरकत में आई हैं.. वो काबिले तारीफ है..इसी हरकत की वजह से ये स्याह सच सामने आ सका है.. दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए और उन छात्रों के साथ पूरा न्याय होना चाहिए जो चंद गद्दारों के बीच में रहकक भी देश की आवाज को बुलंद करते हे.. और भारत माता की जय के नारे लगाते रहे.. कहां गए.. जएनएयू में आजादी के नारे लगानेवाले लोग..? क्यों नहीं उन्होंने एनआईटी श्रीनगर के लिए आवाज बुलंद की..? क्यों नहीं वो उन छात्रों के साथ आज खड़े हैं.. जिन्होंने कश्मीर में हिदुस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए.. कांग्रेस की वो सियासत इस बार नजर नहीं आई.. रोहित वेमुला की सुसाइड और कन्हैया की गिरफ्तारी पर घड़ियाली आंसू बहाने वाले राहुल गांधी इस बार एनआ
माल्या की मिल्कियत  हाथों में महंगी घड़ियां... आंखों पर गोल्डन चश्मा.. बदन पर डिजायनर कपड़े.. और इर्द-गिर्द मॉडल्स का जमावड़ा...  यही पहचान है किंग ऑफ गुड टाइम्स कहे जाने वाले उद्योगपति विजय माल्या की.. आज की तारीख में भले ही लिकर किंग कहे जाने वाले माल्या पर बैंकों का हजारों करोड़ का बकाया हो.. लेकिन एक वक्त था जब माल्या ने शराब के कारोबार से अकूत दौलत कमाई.. विजय माल्या पर नौ हजार करोड़ रुपए लेकर भागने का आरोप है.. लेकिन ये भी उतना ही बड़ा सच है कि माल्या के पास बेहिसाब संपत्ति है.. दुनिया का शायद ही कोई ऐसा कोना हो.. जहां माल्या का घर ना हो..  अकेले भारत में ही माल्या के पास हजारों करोड़ की संपत्ति है.. जिन पर उन बैंकों ने नजरें जमा रखीं हैं.. जिन पर माल्या का कर्ज है.. इन संपत्तियों और इमारतों को देखकर आप भी चकाचौंध रह जाएंगे.. इन की खूबसूरती और बनावट देखकर कोई भी कायल हो जाएगा.. बेंगलुरू... गोवा और मुंबई समेत कई शहरों में माल्या की मिल्कियत है.. गोवा का किंगफिशर विला बेहद ही खूबसूरत है.. गाहे-बगाहे माल्या यहां आते हैं.. तीन एकड़ में फैला ये विला गोवा के कोंडलम बीच के
जन्नत यहां है   बर्फ से गुलज़ार जन्नत    बर्फबारी की इन खूबसूरत तस्वीरों को देखकर ही शायद ..   दुनिया का जन्नत कहे जाने वाले कश्मीर पर ..   इतना बेहतरीन नज़्म तैयार हुआ होगा सबसे सुंदर ...   सबसे मनमोहक .. खूबसूरती ऐसी की किसी का भी दिल जीत ले .. जैसे हर चीज करीने से रखी हो .. कोई मिलावट नहीं .. इन सफेद फाहों को देखकर किसी का दिल मचल उठे ..   तभी तो भारी बर्फबारी के बीच सुकून की तलाश में लोग यहां पहुंच जाते हैं .. हर तस्वीर अपने आप में लाजवाब .. जैसे भगवान ने खुद बैठकर धरती के इस स्वर्ग की रचना की हो ..   आसमान से बरसती चांदी सी सफेद बर्फ ... और उसकी आगोश में लिपटी वादी.. जहां तक नजर जा रही है .. हर चीज सफेद है .. बर्फ में डूबी है ..   हरे - भरे पेड़ सफेद हैं ... रंग - बिरंगे मकान सफेद हैं ... छोटी - बड़ी सभी गाड़ियों पर बर्फ ही बर्फ ... नजारा ऐसा है जिसे जितना कैद करना चाहेंगे ... कम की महसूस होगा ... गुलमर्ग की ये हसीन वादियां हैं .. जिसे देखने के बाद आप शायद ही भुला पाएं ... जहां आने के बाद आप इसकी खूबसूरती में खो जाएंगे .. जिसे देखकर आप
नवाज शरीफ की मुश्किल पठानकोट एयरबेस पर हमले के फौरन बाद भारत सरकार ने कड़ा रूख अख्तियार किया था.. हमले के पीछे पाकिस्तान में डेरा जमाए आतंकियों का नाम आते ही खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तानी पीएम नवाज शरीफ से बात की और कड़ी कार्रवाई करने को कहा.. नवाज शरीफ ने भी पीएम मोदी को इस पर कार्रवाई का भरोसा दिया था.. लेकिन ऑपरेशन खत्म होने के पांच दिन बाद भी इस मामले पर कुछ भी ऐसा नहीं हो सका है जिससे पाकिस्तान के वादे पर भरोसा हो सके.. पाकिस्तान ने हमले के जांच के आदेश तो दे दिए हैं.. लेकिन अब तक नतीजा कुछ भी नहीं निकला है.. दरअसल नवाज शरीफ दोहरी मुश्किल में हैं.. और इस बात को समझने के लिए पाकिस्तान के हालात और हमले के बाद वहां बने प्रेशर को समझना होगा.. नवाज शरीफ पाकिस्तान के पंजाब प्रांत से आते हैं.. और इस इलाके में ही उनकी सबसे ज्यादा पकड़ है.. लेकिन दिक्कत ये है कि जैश और लश्कर जैसे आतंकी संगठनों का भी इसी इलाके में सबसे अधिक प्रभाव है.. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के लिए एक बड़ी मुश्किल ये है कि नवजा की पार्टी पीएमएल-एन का बड़ा आधार पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में हैं
शरीफ ने कितनी शराफत दिखाई ? आतंकी वारदात को अंजाम देने के लिए पाक की जमीन का एक बार और इस्तेमाल होने के सबूतों के बाद पाकिस्तान घिर गया है.. अमेरिका ने भी इस मामले में पाकिस्तान से बात की है और आतंकियों को रोकने और उन्हें पर्दाफाश करने को कहा है.. इस हमले को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन कैरी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से बात की है.. पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले के बाद अमेरिका ने भी पाकिस्तान पर दवाब बनाना शुरू कर दिया है.. हमले की तेजी से जांच के लेकर अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवजा शरीफ से बात की है.. और हमले के पीछे की पूरी साजिश का पता लगाने को कहा है.. इस बातचीत के बाद नवाज शरीफ ने जॉन केरी को आश्वासन दिया है कि मामले की जांच जारी है और सच जल्दी ही सामने आ जाएगा.. नवाज शरीफ ने एक बयान जारी कर कहा "पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकवादी हमले के मामले में पाकिस्तान पारदर्शी तरीका अख्तियार करते हुए बेहद तेजी से जांच कर रहा है..  पाकिस्तान अपनी जमीन का इस्‍तेमाल किसी और देश पर आतंकी हमले के लिए किसी कीमत पर करने नहीं देगा.. दुनिया इस संबंध में ह
पठानकोट हमले की पड़ताल एक खतरनाक साजिश को अंजाम देने के लिए पठानकोट एयरबेस पर आतंकियों ने हमला किया था.. साजिश ऐसी की जिससे पूरा देश दहल उठे.. 6 आतंकियों के एक ग्रुप ने इस पूरे वारदात को अंजाम दिया.. पाकिस्तान से लगे सरहद के पास एक ऐसी खौफनाक वारदात को अंजाम देने की कोशिश की गई..सुरक्षा एजेंसियों को पहले ही इस बात की भनक लग गई थी कि नए साल के मौके पर आतंकी किसी बड़ी वारदात को अंजाम दे सकते हैं.. सुरक्षा एजेंसियों ने आतंकियों के कई कॉल को इंटरसेप्ट किया था .. खुफिया एजेंसियों को मिले कॉल रिकॉर्ड्स में पता चला है कि आतंकी एयरफोर्स स्टेशन पर दो अलग-अलग समूहों में दाखिल हुए। इसके बाद उन्होंने पाकिस्तान में अपने हैण्डलरों से बातचीत की थी.. हम आपको इन आतंकियों के नापाक मंसूबे की जानकारी देंगे.. और बताएंगे कि कैसे इन लोगों ने सिक्योरिटी फोर्सेज को चकमा देने में कामयाब रहे.. लेकिन उसके पहले आपको बता दें कि ये आतंकी कौन हैं और इनका किस संगठन से ताल्लुक है.. अब तक कि मिली जानकारी के मुताबिक ये आतंकी जैश-ए-मोहम्मद के सदस्य हैं और जैश सरगना अजहर मसूद और ISI के इशारे के बाद ही भारत में बड़ी
ऑपरेशन पठानकोट की इनसाइड स्टोरी पठानकोट एयरबेस पर हुआ हमला .. मुंबई के 26/11 हमले की याद दिला रहा है.. उस वक्त भी आतंकी सरहद पार से देश में दाखिल हुए थे.. इस बार भी आतंकी सरहद पार से ही आए हैं.. उस बार भी आतंकी गोलियां बरसा रहे थे.. महत्वपूर्ण ठिकानों को निशाना बना रहे थे.. इस बार भी आतंकियों की नजर खास ठिकानों पर थी.. तभी तो पठानकोट एयरबेस को निशाना बनाया गया.. दो जनवरी की सुबह आतंकी रात के अंधेरे में एयरबेस के अंदर दाखिल होने में कामयाब हो गए.. और फिर आतंक का कभी ना भूलने वाला खूनी खेल खेला... आतंकी जितनी बड़ी मात्रा में खाने-पीने का सामान और हथियार लेकर आए थे.. उससे ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनके मंसूबे कैसे थे.. सुरक्षाबलों ने जो सामान बरामद किए हैं उसके मुताबिक 15 दिन तक के लिए खाने-पीने की चीज़ें भी साथ लेकर आए थे.. साथ ही एनर्जी ड्रिंक के भी कई बोतलें मिली हैं.. इन आतंकियों के पास से पाकिस्तानी ब्रैंड के जूते और बाकि सामान भी बरामद हुए हैं.. आतंकियों ने हमले के लिए जबर्दस्त तैयारी की थी.. बहुत बड़ी तादाद में आतंकी अपने साथ गोला-बारूद और हथियार लेकर आए थे.. हर आतंकी के